यमराज
आज सुबह सपना देखा कि एक बड़ी क़द काठी वाला रौबदार यमराज काले रंग की थार में मुझे लेने आए। मुझे जगा कर बोले, “जल्दी उठो, मेरे पास समय नहीं है। जल्दी निकलना है।” मैंने हड़बड़ाकर पूछा, “कहाँ घूमने चलना है? मौसम भी बहुत अच्छा है।” वे बोले, “ज़्यादा सवाल मत करो, जल्दी करो, इससे पहले कि तुम्हारे घर वाले जाग जाएँ।”
मैंने कहा, “बस थोड़ी देर बैठो, छोटू आने वाला है। बढ़िया चाय बनाता है, पीकर चलेंगे।” वे बोले, “ठीक है, तब तक तुम तैयार हो जाओ।” मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। जल्दी-जल्दी अलमारी खोली, फिर वही कन्फ़्यूज़न — “क्या पहनूँ?” जो पसंद आया, वो यमराज से पूछा, “प्लीज़ आप ही बताओ, कौन सा पहनूँ?” चिढ़कर वे बोले, “हर औरत की एक ही समस्या—जो पहनना है, पहनो, बस नया होना चाहिए।”
बड़ी ओह-पोह के बाद मैं तैयार हुई, चाय पी, और फिर पूछा, “रास्ते में कुछ खाने को मिलेगा क्या?” कड़क कर वे बोले, “नहीं, जो खाना है, अभी खा लो।” मैंने कहा, “बस 10 मिनट रुको, गरमागरम आलू के पराँठे ले चलते हैं। रास्ते में मजे से साथ खायेंगे।” उन्हें भी लालच आ गया। मैंने भी फटाफट पराँठे पैक कर लिए।
बस निकलने की तैयारी थी, तो मुझे याद आया कि रात में छोले भिगोए थे। मैंने पूछा, “यमराज जी, प्लीज़ क्या हम लंच के बाद नहीं चल सकते? दो दिन पहले बच्चों से छोले भटूरे का वादा किया था।” पहले तो वे कुछ क्षण मुझे घूरते रहे, फिर जोर से हँसे और बोले, “तुम औरतों का भी जवाब नहीं! कल का पता नहीं और खाने की प्लानिंग दो दिन पहले से। जाओ, तुम अभी घर संभालो, फिर कभी चलेंगे। अगली बार पहले से तैयारी रखना।” यह कहकर वे मुस्कुराए और चले गए।
तब तक मेरे घरवाले भी जाग चुके थे, और मेरी काली थार में घूमने का सपना भी टूट गया।
जो भी कहो, हम औरतों की प्लानिंग के सामने तो यमराज को भी तौबा बोलना पड़ता है!
लंच बनाते हुए डिनर की प्लानिंग करती,
लता मक्कड़मेरी साँवली सलोनी बिना मेकअप वाली चाय अमीर-गरीब का भेद नहीं जानती, जानती है तो बस तुम्हारी थकान को प्यार से अपने आग़ोश में समेटना, कुछ पल का सुकून देना। मेरी सलोनी सी चाय को हर कोई अपने स्वभाव से बनाता है, कोई कड़क, तो कोई मीठी, तो कोई फीकी। किसी को इलायची वाली पसंद है, किसि को कड़क मसाला डाल के, तो कोई अदरक को कूट-कूट कर चाय के साथ गठबंधन बनाता है।
जो जैसा है उसी के अनुसार अपना रूप बदल लेती है, सबके दिलों में समा जाती है- हमारी ये अल्हड़ सी चाय।
अपनी शाम की चाय का इंतज़ार करती,
लता मक्कड़
Blog on maid, Hindi Blogs, Funny Jokes in Hindi, Funny Blog
Leave a Reply