अरे वाह भाई वाह! ये तो मेरे पसंद का विषय हैं।
ख़याली पुलाव! मुझे बड़ा मज़ा आता हैं ये पुलाव बनाने में।जब भी मैं बोर होती हूँ तो मनपसंद का एक विषय दिमाग़ में चुन लेती हूँ।फिर पता नहीं समय को कैसे पंख लग जाते है, मन उड़ता जाता है, बस उड़ता जाता हैं।समय का आभास ही नहीं होता बशर्ते विषय भी मज़ेदार होना चाहिए।फिर तो कल्पना के घोड़े दौड़ते जाते है कल्पना में।सच कहती हूँ ये ख़याली पुलाव आपको कभी उदास नहीं होने देते।तो बस बनाते रहिए, ख़ाली समय में ख़याली पुलाव।हमेशा ख़ुश रहेंगे।
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