आज रह - रह कर होंठों पर हँसी आ रही हैं। ठहाका मारकर हँसने को जी चाह रहा हैं। देखो ना! हर थोड़े दिन में जब घर की सफ़ाई शुरू होतीं हैं तो पुराना सामान आँखों में खटकने लगता हैं और हम उसकी जगह नया सामान ले आते हैं। पुराना सामान कितना भी क़ीमती हो, बस अपने पास रखा भर हो। परंतु जब भी देने जाओ तो उसकी क़ीमत आधी हो जाती हैं।अभी कुछ दिन पहले योगादिवस था, पूरे सोशल मीडिया पर योग छाया हुआ था। हर कोई योगमुद्रा में अपनी फ़ोटो डाल रहा था। दिल तो मेरा भी बहुत था, पर ऐसा करने से लोगों का योग से विश्वास ही उठ जाता। इसलिए मैंने नहीं किया। आज मेरी मित्र का व्हाट्सएप पर मैसेज देखकर, मन ज़ोर से हास्य आसन करने लगा। फेफड़ों में शुद्ध वायु का संचार होने लगा, मेरे ख़याल से ऐसा आसन दोस्तों के साथ करते रहना चाहिये।जानते है क्या था मैसेज? की “योगा मैट बिकाऊ हैं आधे दाम में! सिर्फ़ एक दिन फ़ोटोग्राफ़ी के लिए इस्तेमाल की गयी है आयी ना हँसी आपको भी। सचमुच पुराने सामान से जुड़ी यादें भी कभी - कभी गुदगुदा जाती हैं और आप अनायास मुस्कुराने लगते हैं। छोटी - छोटी बातें यूँ ही हँसी का कारण बन जाती हैं, आधी क़ीमत में।
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